विषधर कालसर्प दोष
ऐसी मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति की पूर्व जन्म में अकाल मृत्यु हुई हो और उसके मन में कुछ आकांक्षाएं रह गयी हों तो वह व्यक्ति वर्तमान जीवन में उन इच्छाओं को पूर्ण करना चाहता है, ऐसे व्यक्तियों की कुंडली में विषधर कालसर्प दोष पाया जाता है|
जब जातक की कुंडली में राहु ग्यारवे घर में और केतु पांचवें स्थान में उपस्थित हो एवं बाकी सारे ग्रह इनके बीच मंद ही हो तो इस प्रकार का कालसर्प दोष होता है।
विषधर कालसर्प दोष के असर
- इस दोष में जातक को अपने जीवन साथी से सहयोग नहीं मिलता | जातक और उसके जीवन साथी के बीच हमेशा मन मुटाव बना रहता है और धीरे डेरे उसके सम्बन्धो में खटास आ जाती है | यह खटास तलाक तक भी जा सकती है |
- यह दोष संतान सुख के लिए कष्टकारी है, ऐसे जातक अपने बच्चों से भी नाखुश रहते है
- उच्च शिक्षा में बाधा आती है |
- आय अर्जित करने के लिए जरुरत से अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है |
विषधर कालसर्प दोष के उपाय
- भगवान शिव की नियमित आराधना करें |
- राहु मन्त्र का जाप करके पक्षियों को जौ के दाने खिलाएं |
- श्रावण माह में रुद्राभिषेक एवं महामृत्युंजय जाप करें |
- यदि व्यक्ति नियमित रूप से भगवान शिवजी की पूजा अर्चना करता है उसके सभी प्रकार के सर्प दोष निष्प्रभावी हो जाते है | इसलिए जातक को चाहिए कि वह अपना समस्त ध्यान शिव जी के चरणों में लगाए और एकाग्रचित मन से अपने कार्य करे , अवश्य लाभ होगा |
जातक क्या न करें
अब बात करते है कि विषधार काल सर्प दोष से प्रभावित व्यक्ति क्या न करें ?
- जातक अपने व्यापारिक या व्यक्तिगत जीवन में उधर लेने व देने से बचें |
- जातक अपने और अपने जीवन साथी के बीच एक असामंजस्य की स्थिति न पैदा होने दे |
विषधर कालसर्प दोष का निवारण
यदि आप अपना समय और पैसा बचाते हुए विषधर कालसर्प दोष का हल चाहते है तो आप तुरंत पंडित श्री रविशंकर जी से निशुल्क जानकारी ले सकते है | इस दोष के कई बुरे प्रभावों के बारे में हमने आपको बताया और ये भी बताया कि ये आपके जीवन को कैसे तहस नहस कर सकते है | इन कुप्रभावों से बचने के लिए आप अपने जीवन शैली के अनुसार उपाय चुन सकते है | भगवान शिव की आराधना करना ही इन उपायों में सर्वोत्तम है | जातक को शिव की आराधना करने के लिए नासिक शहर के समीप स्थित त्रयंबकेश्वर मंदिर पहुँचता चाहिए और काल सर्प दोष नामक पूजा करवानी चाहिए | इस पूजा से इस दोष से मुक्ति मिल सकती है | यह पूजा किसी विद्वान पंडित के देख रेख में संपन्न होनी चाहिए | ऐसे ही किसी जानकार पंडित से पहले आप अपनी कुंडली के अनुसार पूजा का मुहूर्त तय कर लें | हम आपको इस पूजा को श्री रवि शंकर गुरु जी से करवाने का सुझाव देंगे | गुरु जी को इस पूजा का अपार अनुभव प्राप्त है और शास्त्रों एवं कर्मकांडो के महाज्ञाता भी है |
इस पूजा से पहले आपको अपनी जन्मकुंडली पंडित जी से साझा करके उनके राय जाननी चाहिए | इस निशुल्क जानकारी में पंडित जी आपकी कुंडली में उपस्थित दोषों एवं उनके निराकरणों के बारे में विस्तार से बताएँगे |
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