काल सर्प दोष क्या होता है
शंखपाल कालसर्प योग : यह दोष जातक की कुंडली में तब होता है जब उसके सभी ग्रह राहु और केतु के मध्य आ जाते हैं, उस दशा में जातक की कुंडली में काल सर्प योग पाया जाता है |
कालसर्प एक ऐसा योग है जो किसी व्यक्ति के जीवन में उसके पूर्व जन्म के किये गए किसी घोर अपराध के दंड या किसी के द्वारा दिए गए शाप के फलस्वरूप उस व्यक्ति की जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है।
उसकी रोजी-रोटी का जुगाड़ भी बड़ी मुश्किल से हो पाता है। उसे अप्रत्याशित रूप से आर्थिक क्षति होती रहती है। अलग-अलग तरह के रोगों से परेशान रहता है |
इस योग से पीड़ित व्यक्ति आर्थिक व शारीरिक रूप से भी परेशान होता है, मुख्यत उसको संतान संबंधी कष्ट होता है या तो उसे संतान का सुख मिलता ही नहीं, और अगर मिल भी जाये तो वह संतान दुर्बल व रोगी होती है।
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कुंडली में कैसे दिखता है काल सर्प दोष ?
जब किसी जातक की कुंडली में सूर्य मंडल के सातों गृह, राहु और केतु के बीच आ जाते है, राहु और केतुतो काल सर्प दोष परिलक्षित होता है | यदि जातक की आधी कुंडली ग्रह रहित होती है, तब ही जातक की कुंडली में पूर्ण काल सर्प योग होता है| यदि कोई भी एक ग्रह राहु केतु अक्ष रेखा से बाहर पड़े तो जातक के कुन्डली में काल सर्प योग नहीं माना जाता है|
राहु और केतु अक्ष रेखा पर ग्रह अलग अलग घर में हो सकते है और इन ग्रहों की स्थिति के अनुसार काल सर्प योग कुल १२ प्रकार से हो सकता है | चलिए अब जानते है, इनमें से शंखपाल काल सर्प दोष के बारे में |
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शंखपाल कालसर्प योग
शंखपाल कालसर्प योग के लिए कुंडली में निम्न दशा होती है |
यदि जातक की कुंडली में राहु चौथे घर में हो और केतु दसवें घर में उपस्थित हो एवं बाकी सारे ग्रह इनके बीच में ही हों |
शंखपाल कालसर्प योग के असर
शंखपाल कालसर्प योग के दुष्प्रभाव बहुत सारे हो सकते है लेकिन आइये बताते है कुछ प्रमुख दुष्प्रभावों के बारे में :
- इन जातकों को आर्थिक तंगी व विद्या प्राप्ति में बाधाओं का सामना करना पड़ता है |
- इन जातकों का वैवाहिक जीवन भी समस्याओं से घिरा रहता है |
- नौकरी व व्यवसाय में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है |
- ये सदैव मानसिक तनाव से ग्रसित रह सकते हैं |
- मित्रों एवं परिजनों से धोखा खा सकते हैं|
शंखपाल कालसर्प योग के उपाय
शंखपाल कालसर्प योग के लिए निम्न उपाय किये जा सकते है लेकिन आपकी जीवन शैली में जरुरी नहीं की आप ये सारे उपाय कर ही पाओ इसीलिए हम आपको सुझाव देते है कि आप अपनी कुंडली पंडित श्री रविशंकर जी के साथ साझा करें वो आपको आपकी कुंडली के अनुसार तथा जीवन शैली के अनुसार उपाय बताएँगे |
- शुक्रवार को पानी वाले नारियल फल को किसी नदी/धारा में प्रवाहित करें |
- जातक शिव की आराधना करें और वर्ष में एक बार महामृत्युंजय जाप व रुद्राभिषेक करवाएं |
- अपने घर में श्री कृष्ण जी की मूर्ति रखें और उसको मूर पाखों से सजाकर नियमित रूप से पूजा अर्चना करें, इससे जातक को लाभ होगा |
- भगवान शिव की मूर्ति को चांदी से बने सर्प अर्पित करें |
शंखपाल कालसर्प योग के जातक क्या न करें
- जातक को चाहिए वह अपने तन पर काले , भूरे व नीले रंगो का प्रयोग न करें तथा यथासंभव उजले रंगों के वस्रों को धारण करें |
- जातक व्यापार करते समय कोई पार्टनरशिप न करे और यदि करे तो यह ध्यान रखें की आपका पार्टनर आपके साथ धोखा न करें |
शंखपाल कालसर्प योग का निवारण
इस दोष का एक मात्र समूल और अचूक निवारण किसी प्रसिद्ध मंदिर में काल सर्प योग के निवारण के लिए पूजा करना है |
पूजा के लिए शिव भगवान् का मंदिर उचित होता है क्योंकि ज्ञातव्य है की सर्प शिव भगवान् के के अभिन्न अंग के रूप में निवास करता है, शिवजी को प्रसन्न करने से ही इस दोष से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है|
इस पूजा के लिए सबसे सिद्ध मंदिर है नासिक के समीप स्थित त्रयंबक नामक कस्बे में त्र्यम्बकेश्वर | आप इसके लिए इस पूजा के महाज्ञाता पंडित श्री रविशंकर जी को अपनी कुंडली भेजकर अपनी कुंडली के अनुसार पूजा के बारे में जानकारी निशुल्क पा सकते है |
पंडित जी अपने वर्षों के ज्ञान और अनुभव के द्वारा कई जातकों की कुंडली से इस दोष का सफलता पूर्वक निवारण कर चुके है | इस पूजा के लिए आपको पंडित से शुभ मुहूर्त भी जानकर, आपकी सुविधानुसार आप इस मंदिर में आने की योजना बना सकते है |
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